THE ADVENTURES OF
HATIM (season-2)
यह हज़ार साल पहले की बात है जब काली ताकतों का राज होना अभी शूरू ही हुआ था |चार लोग पहाड़ी की तरफ से गुजार रहे थे जो उस पहाड़ी पर भटके हुवे थे|उन चारों ने रास्ता ढूँढने की बहुत कोसिस की लेकिन नहीं मिली|कुच्छ दूर जाने पर उन्हें एक गुफा दिखी जिसमें से एक भयानक आवाज आ रही थी| वो आवाज एक शैतान की थी|उस शैतान का नाम 'लाका' था|'लाका' ने उन सबको अपने वश में कर लिया ,क्यूंकि 'लाका' के एक आका भी थे ,जिसका नाम 'ज़रगाम' था|
वो एक पत्थर के अंदर कैद था| उसको सिर्फ कोई इंसान ही आज़ाद ही जिन्दा कर सकता था| 'लाका' ने उन्हें एक तलवार दिया जिससे ज़रगाम आज़ाद हो सकता था|उन्होंने 'ज़रगाम' को आज़ाद कर दिया| ज़रगाम हर जगह जाकर तबाही मचाने लगा| कई जगहों पे जाकर ज़रगाम ने लोगो को अपना गुलाम बनाया| अंत में वह यमन गया जहाँ के बादशाह ने उससे लड़ाई की पर नाकाम रहे| वहाँ के बादशाह का नाम 'जुमेनालाह' था| फिर वहाँ के जादू के देवता आये जिनका नाम 'तहजिल' था| उन्होंने ज़रगाम के रूहानी तलवार को सात टुकडो में बाँट दिया और अलग-अलग जगह छिपा दिया| फिर ज़रगाम वाहन से चला गया| 'तहजिल' बाबा ने 'जुमेनालाह'(जुमेन) को बताया की उस शैतान को सिर्फ तुम्हारा बेटा ही हरा सकता है| 2 सालों बाद उनका एक बेटा हुवा जिसका नाम उन्होनें हातिम रखा और उन्होंने वहाँ जस्न मनाया|फिर उनके यहाँ दो बेटियां हुईं जिनका नाम उन्होंने 'परिना' और 'आयेशा' रखा|फिर उन्होंने एलान किया की अब हर साल जस्न मनाया जायगा| हातिम अब बड़ा हो चूका था|और वहाँ जासं मनाया जा रहा था| किसी को पता नहीं था की आगे उनके साथ क्या होगा|
Scene- 2 (ज़रगाम के महल में)
लाका ने ज़रगाम को बताया की उनका एक दुश्मन पैदा हो गया है ,जिसका नाम 'हातिम' है| फिर ज़रगाम ने अपने एक गुलाम को बुलाया जिसका नाम जुलिना था और उसे हातिम को मारने को कहा| जुलिना ने अपने एक शैतान को भेजा जो किसी को भी पत्थर बना देता था|
Scene-2 (यमन में)
वो शैतान यमन में गया और हातिम को ढूँढने लगा, ना मिलने की वजह से उसने हमला करना शुरू कर दिया | थोड़ी देर में हातिम मिल गया उसने उसे पत्थर बनाना चाहा लेकिन उसे बचाने उसकी बड़ी बहन बिच में कूद गयी और खुद ही पत्थर बन गयी| हातिम फिर उस शैतान को मारना चाहा लेकिन वो गायब हो गया|
हातिम ने तहजिल बाबा से उसे बचाने का रास्ता पूछा तो उन्होंने बताया की उसे सिर्फ 'नज्लात का फूल' ही बचा सकता है, जो की नाजेला में है| तहजिल बाबा ने उसे एक ताबीज भी दो उसे खतरों से बचा सकता है|
फिर हातिम नाजेला की खोज में निकल गया| साथ में उसकी छोटी बहन भी थी| जंगल में जाते-जाते वो कुछ सैनिको से मिले जो यमन के सैनिक नहीं थे| वो सैनिक उन दोनों को अपने सहजादी के पास ले गए| वहाँ की सहजादी का नाम 'परीजाद' था| परीजाद से हातिम का जान-पहचान हुवा|परीजाद ने बताया कि उसके जगह की तबाही ज़रगाम ने की|परीजाद जहाँ रहती थी वो जगह तबाह हो चूका था|और वहाँ के लोग पत्थर बन चुके थे, जिसमें उसका भाई भी था| हातिम ने अपनी सारी कहानी सुनाई| परीजाद भी हातिम के साथ चल दी| तीनों सफर पे निकल पड़े| बिच में उन्हें एक जानवर दिखा जो एक dinosaur जैसा दीखता था और उसके पीठ पर कांटे भी थे| वो dinosaur जुलिना का गुलाम था|उसके गले में एक ताबीज थी जो उसे जुलिना की कैद से आज़ाद कर सकती थी|
