Hello Friends!

I had these extremely decadent thoughts about Purvi, and two other officers of late. No matter how hard I tried to suppress them, they just would not go away. I knew I had to get them out of my head, even if it could potentially upset my readers.

Please, forgive me.

It is a one-shot. Please do not ask for updates.

WARNING: Depressing Theme; Devanagari Ahead!


One evening after work, Shreya and Purvi, the best of friends, were hanging out at Shreya's place, in her balcony.

Purvi: अच्छा श्रेया एक बात बताओ। जब दया sir ग़ायब हुए थे तब तुम उनके लिए रो रही थी न? (From the Giraftaar series.) इससे पहले भी हमारे कई officers ग़ायब हुए हैं। तुम उनके लिए तो कभी नहीं रोई। (naughty smile) चक्कर क्या है हां?

Shreya: क्या पूर्वी तुम भी? कुछ भी बोलती हो।

Purvi: नहीं नहीं। कुछ तो बात है। सच बताओ श्रेया। तुम उनसे प्यार करने लगी हो। है न?

Shreya: नहीं एेसा कुछ भी नहीं है। मैं तो बस उनके लिए एेसे ही परेशान हो रही थी।

Shreya tried to turn the tables on her.

Shreya: अच्छा तुम बताओ कि तुम्हें कभी किसी से प्यार हुआ है?

Purvi's smile turned to a frown. Shreya realized that she should not have asked the question.

Shreya: I'm sorry, Purvi. शायद मुझे तुमसे नहीं पूछना चाहिए था।

Purvi: नहीं श्रेया एेसी बात नहीं है। अच्छा एक deal करते हैं। तुम मुझे तुम्हारे और दया sir के बारे में सब कुछ बताओ। फिर मैं तुम्हें अपने बारे में बताऊँगी। Done?

Shreya: अच्छा ठीक है। वैसे भी किसी न किसी दिन तो ये तुम्हें पता चल ही जाता। आज ही सही। लेकिन फिर तुम्हें अपनी पूरी कहानी सुनानी होगी। ठीक है?

Purvi: Promise. मैं अपनी पूरी कहानी सुनाऊँगी।

Shreya: तो सुनो…

Shreya narrated her whole love story. Purvi listened with rapt silence; the occasional smile stealing across her face. Shreya was too engrossed in her own story to pay attention to the smiles. Otherwise, she would have known the immense pain that those smiles attempted, and miserably failed, to mask.

After finishing her narration, Shreya looked up.

Shreya: पूर्वी अब तुम्हारी बारी। अपना वादा…

Purvi: (interrupting) तुम कितनी lucky हो श्रेया। (sigh) मुझे देखो। मैंने जिस किसी से भी प्यार किया वो किसी और से प्यार करता है।

Purvi spoke, staring into the orange hues of the melancholy dusk with blank eyes, robbed of their usual shimmer and fierce passion.

Shreya: क्या?! किसी और से? किस से? (thinking) कहीं ये दया sir से तो… नहीं नहीं एेसा नहीं हो सकता। पहले इसकी पूरी बात सुन लेती हूँ।

Purvi: वो ज़रूरी नहीं है श्रेया। ज़रूरी ये है कि वो किससे प्यार करते हैं।

Shreya: किससे? जल्दी बताओ। मुझसे रहा नहीं जा रहा।

Purvi: तुम उन दोनो लड़कियों को भी नहीं जानती। उनके नाम जानकर तुम्हें क्या मिलेगा? मेरी कहानी बहुत दर्दनाक है। सुनो…

मेरा पहला प्यार तब हुआ जब मैंने CID join किया। एक लड़का था। बहुत ही dashing और handsome था। पर हमेशा खोया हुआ सा रहता था। उसका सारा ध्यान बस investigation और files update करने में लगा रहता। मुश्किल से किसीसे बात करता। हां कभी-कभी फ्रेडी sir से बात करता पर एक पल के लिए भी मुस्कराता नहीं था। उसकी आँखों में एक अजीब सा दर्द था। कभी हँसी-मज़ाक नहीं करता। अरे ACP sir भी उससे ज़्यादा हँसी-मज़ाक करते हैं।

जब उसे कोई काम नहीं होता था तो वो बस अपना wallet खोल कर किसी की तस्वीर निहारता रहता था। कई बार मैंने उसे उसके wallet में देखते हुए आँसू बहाते हुए देखा है। जब मैं पूछने के लिए उसके पास जाती तो वो wallet को तुरंत बंद कर लेता और हमेशा यही बहाना बनाता कि "मेरे आँख में कचरा चला गया।"

मैं समझ गई कि उसके दिल में कोई गहरा राज़ छिपा है। कोई एसी चीज़ जो उसे बहुत दर्द दे रही थी। शायद किसी अपने को खोने का ग़म था उस बेचारे को। जो भी था मुझे पता लगाना था। मैंने उसे कभी-कभी फ्रेडी sir से बात करते हुए देखा था तो मुझे लगा वहीं से शुरूआत करनी चाहिए।

मैं फ्रेडी sir के पास गई। उनसे पूछा तो पता चला कि वो बेचारा एक लड़की से बहुत प्यार करता था। पर वो CID की duty में मारी गई। तभी से वो उसकी याद में आँसू बहाता था। उसने ठान लिया था कि वो उस लड़की के यादों के सहारे अपनी पूरी ज़िदगी गुज़ार लेगा। सबसे बड़ी बात तो ये है कि उन दोनों ने एक-दूसरे propose भी नहीं किया था। वो बेचारा तो ये भी नहीं जानता था कि वो लड़की उस से प्यार करती भी थी या नहीं। इस बात का ग़म भी उसे अंदर ही अंदर खाए जा रहा था।

फ्रेडी sir ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की कि वो उस लड़की को भूल जाए पर वो ज़िद्दी है। नहीं माना। आज तक उसे भुला नहीं पाया है और कभी भुला नहीं पाएगा। इतना सच्चा है उसका प्यार।

पर मैंने भी उस वक्त ठान लिया कि मैं उसे उस लड़की की याद से उभरने में मदद करूँगी। मैं उसे वो प्यार देना चाहती थी जिसकी कमी के वजह से वो इतनी तकलीफ़ इतने दर्द में था। मैंने कई बार कोशिश की उसे अपने दिल की बात बताने की। कई बार उसे hints देती रही। कई बार उसके करीब आने की कोशिश की। पर वो तो मेरी तरफ़ आँख उठा कर देखता तक नहीं था। (painful smile) मुझे तो पूरा यकीन है कि उसने कभी मेरा चेहरा भी नहीं देखा। हमेशा मेरे जूतों से बात करता था वो। यहां-वहां देखता। दीवार पर ही नज़र गड़ा लेता लेकिन मेरी तरफ नहीं देखता।

मुझसे काम के अलावा किसी और बारे में बात ही नहीं करता था। उसे coffee या lunch पे बुलाती तो कोई बहाना बना के टाल देता। मैं कोशिश करती गई और वो मुझे ignore करता गया। फिर मैने एक दिन ठान लिया। मैं एक मरी हुई लड़की से नहीं हार सकती। मैं सीधे उसे अपने दिल की बात बता दूँगी। फिर जो होगा देखा जाएगा।

एक दिन काम के बाद मैं उसके घर गई। वो मुझे दरवाज़े पर देख कर एकदम से चौक उठा। मैं समझ गई कि वो मुझे देख कर बहुत खुश नहीं हुआ। फिर भी उसने मुझे अंदर बुलाया। अंदर गई तो मैं चौक गई। उसके पूरे घर में, उसके दीवारों पर, table पर, हर जगह बस उसी लड़की की तस्वीर लगी हुई थी। वो हँसता हुआ चेहरा जिसने मुझसे मेरा पहला प्यार छीना मुझे आज भी याद है।

मैंने उसे मौका पाते ही propose कर दिया। वो एकदम से चिल्ला उठा और कहने लगा - "चली जाओ मेरे घर से। दूर हो जाओ मेरी नज़रों से।" मैंने उसे इतने गुस्से में कभी नहीं देखा था। उस दीवार पर टंगी हुई तस्वीरों में से जैसे वो लड़की कह रही हो - "देखो! मैं उसके पास नहीं हूँ। फिर भी उसने मुझे चुना तुम्हें नहीं।" मैं वहां से रोती हुई चली गई।

उसके बाद से वो मेरे साथ कभी बात नहीं करता। काम के बारे में भी नहीं। मैं जब पास होती तो वो बहुत awkward feel करता और मुझसे जल्द से जल्द दूर हो जाता। फिर कुछ ही हफ़्तों में उसने CID से इस्तीफ़ा दे दिया। वो दिल्ली चला गया और वहां वो अब एक martial arts training class चलाता है। क्या नाम है उस martial art का… हां Ninjitsu… हां यही नाम है। उसके बाद से वो न मेरा phone उठाता है और न emails का जवाब देता है।

इस सदमे से मैं उभर ही रही थी कि मुझे दूसरी बार प्यार हो गया। कितनी बेवकूफ़ थी मैं जो मैंने ये सोच लिया कि इस बार कोई गड़बड़ नहीं होगी। मैंने एेसा इसलिए सोचा क्योंकि जिनसे मैं प्यार कर बैठी वो बहुत ही खुश-मिज़ाज और मिलनसार हैं। उन्हे देख कर एक पल के लिए भी नहीं लगता था कि उन्होने प्यार में कभी धोखा खाया हो। और मुझे ये भी पता था कि वो single हैं क्योंकि मैंने उन्हे कभी किसी लड़की के साथ नहीं देखा था। और न ही वो किसी लड़की से ज़्यादा बात करते थे।

मैं उनके करीब होने की कोशिश करने लगी। वो मिलनसार हैं इसलिए शुरु-शुरू में कुछ पता नहीं चला। मैं उन्हें coffee पर या lunch पर बुलाती तो वो आसानी से मेरे साथ आ जाते हैं। Bureau में अपने free time में मेरे साथ बात भी करते हैं। मुझे लगा कि इस बार बात बन ही जाएगी। पर जैसे जैसे मैं उन्हे और जानने लगी मुझे उनकी ज़िंदगी का एक सच पता चला।

एक दिन सुबह वो bureau में अकेले थे। मैं आई तो मैंने देखा कि वो अपने table पर सर रख कर कुछ सोच रहें हैं। मैं उनके पास गई और मैंने पूछा - "आप क्या सोच रहे हैं?" उन्होने table के नीचे से अपना हाथ निकाला और उसमे जो wallet था वो मुझे दिखाया। मैं देख कर चौक गई। उसमे एक लड़की की तस्वीर थी।

मैं उस वक्त फूट-फूट कर रोना चाहती थी पर मैंने खुद पर काबू किया और उनसे पूछा - "ये लड़की कौन है?" उन्होने कहा - "मैं इससे प्यार करता हूँ।" फिर उन्होने मुझे उसके बारे में सारी बातें बहाईं। वो लड़की शादी-शुदा है। और तो और उस लड़की को इनके बारे में कुछ याद भी नहीं है। फिर भी ये उस से इतना प्यार करते हैं कि उसे भूल नहीं सकते।

एक case के सिलसिले में इन्होनें उसकी जान बचाई थी और उसमें उस लड़की की याददास्त चली गई थी। जब याददास्त वापस आई तो वो इन्हे भूल चुकी थी और फिर उसका पती आकर उसे ले गया।

पर ये उसे कभी भुला नहीं पाए। आज भी उसी की यादों के सहारे ज़िंदा हैं। बस वो अपने दर्द को कभी दूसरों को नहीं दिखाते हैं।

मैं उन्हे propose करना चाहती हूँ पर डरती हूँ। कम से कम वो मेरे पास तो हैं। जी भर कर उन्हें देख तो सकती हूँ। डर है कि कहीं पिछली बार की तरह भी इस बार मैं propose करके उन्हे खुद से दूर न कर दूँ।

(fierce voice) सबको बस मरी हुई और शादी-शुदा लड़कियों की पड़ी है। ज़िंदा और कुंवारी लड़कियों की तो किसी को चिंता ही नहीं है।

Purvi closed her eyes and heaved a long, sad sigh and wiped the tears that had managed to sneak out despite her best efforts.

Purvi: तो ये थी मेरी love story.

Shreya could hardly console her. She was herself fighting back tears at the plight of her best friend.

Shreya: पर तुमने उनके नाम नहीं बताया?

Purvi: अरे हां। बताती हूँ। उनके नाम हैं…


I know you have guessed the names of the two officers.

I know I deserve to be flamed. I just so deserve to be flamed. Go ahead. Flame me to bits. I won't mind.

I just turned half the fandom against me with this single one-shot, but that was the only way I could get it out of my head.

Once again, please forgive me.